दोस्तों आज हम बात करने वाले है एक ऐसी सुविधा के बारे में जिसे आज की तकनीक ने पैदा किया है जी हाँ, जैसा की मैं हर बार कहता हूँ की आज का यु...
दोस्तों आज हम बात करने वाले है एक ऐसी सुविधा के बारे में जिसे आज की तकनीक ने पैदा किया है जी हाँ, जैसा की मैं हर बार कहता हूँ की आज का युग तकनीक का युग है हमारे जीवन में तकनीक इस तरह घुल मिल गया है की आज तकनीक के बिना एक पल भी जीना संभव नहीं है और इसी तकनीक की वजह से हम इंसान काफी आलसी होते जा रहे है अब हर जगह, हर पल, हर समय तकनीक का इतना उपयोग हो रहा है की किसी भी इंसान से एक छोटा सा काम भी बिना तकनीक के संभव नहीं है हमारे घर से लेकर ऑफ़िस, स्कूल, व्यापार हर जगह हर प्रकार की तकनीक का उपयोग होता है |
आज भी मैं एक ऐसी ही तकनीक के बारे में आपको बताने जा रहा हूँ जिसका नाम है OCR अब यह होता क्या है और ये काम कैसे करता है इसकी पूरी जानकारी आज मैं बताऊंगा, पूरी विस्तार से आज हम इसके बारे में बात करेंगे |
OCR का पूरा नाम क्या है |
OCR काम कैसे करता है |
OCR का इतिहास |
OCR से फ़ायदे |
OCR का पूरा नाम क्या है |
Optical Character Recognition ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (प्रकाशिक संप्रतीक अभिज्ञान) कहा जाता है जिसका अर्थ है की "प्रकाश के माध्यम से किसी प्रतीक, आकार या चित्र की पहचान करना या ज्ञान प्राप्त करना " | इसका आसान भाषा में उत्तर होगा " किसी भी हार्ड कॉपी डाटा को सॉफ्ट कॉपी डाटा बनाना " या फिर आप ये भी कह सकते है की हाथ से लिखी गयी, प्रिंट की गयी या टाइप की गयी छबि, शब्द,आकार या चित्र को उस भाषा में परिवर्तित करना जिसे आपका कम्प्यूटर समझता हो या समझ सके |
OCR काम कैसे करता है |
साधारण भाषा में बात करे तो यह एक इनपुट प्रोसेस है जिसकी मदद से है किसी हार्ड कॉपी डाटा को सॉफ्ट कॉपी डाटा में बदलते है OCR के लिए आवश्यक है हार्ड कॉपी डाटा, इनपुट डिवाइस और प्रोसेस करने के लिए प्रोग्राम या सॉफ्टवेर | इस प्रक्रिया में प्रिंट किये या टाइप किये डाटा को हम एक डिजिटल कैमरे या स्केनर द्वारा स्केन करने है तब ये डाटा OCR प्रोग्राम या सॉफ्टवेर में पहुचती है, कार्यरत प्रोग्राम या सॉफ्टवेर आपने विशेतावो के आधार पर या आपनी प्रणाली के आधार पर उस डाटा को प्रोसेस करता है और हमारे कम्प्यूटर के समझने लायक बनाता है कई प्रकार के OCR होते है कुछ हार्ड कॉपी डाटा को सिर्फ सॉफ्ट कॉपी डाटा में बदल कर छोड़ देते है तो कुछ स्केन किये डाटा को अलग रूप दे देते है जैसे साधारण OCR और BAR CODE OCR, QR CODE OCR आदि |
OCR का इतिहास
दुनिया में पहला ओसीआर आविष्कार 1870 में अमेरिकी आविष्कारक आर चार्ल्स (R. Carey)को माना जाता है। केरी ने रेटिना स्कैनर, एक छवि संचरण प्रणाली का उपयोग करते हुए फोटोकल्स का एक मोज़ेक का उपयोग किया था|
1885 में Image scanner बना
1912 में text-to-speech प्रोग्राम बना
1966 में पहली बार Handwriting scanner का अविष्कार हुआ
1971 में कनाडा पोस्ट द्वारा OCR सिस्टम का उपयोग लिफाफे पर नाम और पता पढ़ने और बारकोड प्रिंट करने के लिए किया जाने लगा|
2005 में पहली मुफ्त क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म OCR इंजन टेसेरैक्ट को हेवलेट पैकर्ड और नेवादा विश्वविद्यालय, लास वेगास द्वारा प्रकाशित किया गया है।
2015 में दुनिया की सबसे बड़ी search engine Google के द्वारा एक टूल लंच किया गया जिससे 200 प्रकार की भाषओं में उपयोग किया जा सकता है |
OCR से फ़ायदे
जैसा की मैंने पहली प्राग्राफ में ही बताया है की आज तकनीक की मदद स हम मुश्किल काम को भी काफी आसानी से कर सकते है OCR की मदद से हमारे समय की बचत होती है और मेहनत भी काफी काम लगता है और जिस रफ़्तार से आज दुनिया चल रही है उसके साथ चलने के लिए तकनीक का काफी योगदान है और तकनीक का ही एक रूप OCR है .
आपको ये जानकारी कैसी लगी comment करके जरुर बताये
धन्यवाद !!
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